"कहीं एलेग्जेंडर कटप्पा को मृत्यु दंड न दे दे?" कार्तिक ने कहा। "कहीं एलेग्जेंडर कटप्पा को मृत्यु दंड न दे दे?" कार्तिक ने कहा।
"यू आर रियली अ जीनियस सर!" "यू आर रियली अ जीनियस सर!"
अशोक और आशीष अपने घर के लिए निकल गए। दोनों बहुत दुःखी थे। अशोक और आशीष अपने घर के लिए निकल गए। दोनों बहुत दुःखी थे।
तब काश जी और निशा देवी ईश्वर को नमन करके शान्ति से सोने लगे। तब काश जी और निशा देवी ईश्वर को नमन करके शान्ति से सोने लगे।
मैं तीन सौ साल से सभी के लौटने का इंतज़ार कर रही हूं। मैं तीन सौ साल से सभी के लौटने का इंतज़ार कर रही हूं।
तब सुनीता मन ही मन सोच रही थी इस रिश्तों की कहानी के बारे में। थोड़ी सी मुस्कान आंसुओं क तब सुनीता मन ही मन सोच रही थी इस रिश्तों की कहानी के बारे में। थोड़ी सी मुस्कान आ...